पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में बन सकती हैं भारत की ध्वजवाहक

नई दिल्ली
भारत आगामी टोक्यो ओलिंपिक में पहली बार दो ध्वजवाहक के साथ उतर सकता है जिसमें एक पुरुष और एक महिला होगी. भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल के लिए ध्वजवाहक बन सकती हैं. रियो ओलंपिक में रजत पदक विजेता खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल के लिए ध्वजवाहक बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं. मालूम हो कि ओलंपिक 23 जुलाई से शुरू हो रहे हैं.
इस बात की आधिकारिक घोषणा इस महीने के अंत में होगी लेकिन यह तय है कि सिंधु ध्वजवाहकों में से एक होंगी. भारतीय ओलिंपिक संघ के एक सूत्र के अनुसार 'सिंधु के ध्वजवाहकों में से एक होने की संभावना है. हालांकि कोई नियम नहीं है लेकिन परंपरा यह रही है कि पिछले संस्करण के पदक विजेता हमेशा अगले संस्करण के लिए ध्वजवाहक रहे हैं. पिछले संस्करण से, दो पदक विजेता थे और उनमें से एक पहलवान साक्षी मलिक ने इस संस्करण के दौरान क्वालीफाई नहीं किया है.
यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि पुरुष एथलीटों में से कौन संयुक्त ध्वजवाहक होगा. कुछ बड़े नामों में एथलीट नीरज चोपड़ा, टीटी खिलाड़ी शरत कमल, पहलवान बजरंग पुनिया, मुक्केबाज अमित पंघाल आदि शामिल हैं. मालूम हो कि 25 वर्षीय सिंधु 2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. सिंधु को देश के सबसे बड़ा खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा जा चुका है इसके साथ ही उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान भी मिल चुका है.
बता दें कि देश के एकमात्र ओलिंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा 2016 रियो ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक थे. टोक्यो खेलों का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई को होगा और कोविड-19 महामारी के कारण एक साल के लिए स्थगित किए गए इन दोनों में भारत के 100 से अधिक खिलाड़ी पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे.