वाशिंगटन
अमेरिका भले ही इस समय इमिग्रेशन और ग्लोबल पॉलिटिक्स जैसे मुद्दों पर केंद्रित हो, लेकिन देश के भीतर एक खामोश स्वास्थ्य संकट तेजी से फैल रहा है। कोलन और रेक्टल कैंसर के मामले इतनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं कि आम लोगों में डर बढ़ता जा रहा है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी का कहना है कि यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में तीसरा सबसे आम कैंसर है।
साल 2025 के लिए लगभग 1,07,320 नए कोलन कैंसर मामलों का अनुमान लगाया गया था। चिंताजनक बात यह है कि यह बीमारी अब केवल 50+ उम्र के लोगों तक सीमित नहीं रही। 30–40 साल की उम्र वाले युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके पीछे का कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
ऐसे में सबसे बड़ी जरूरत है कोलन कैंसर के शुरुआती संकेतों को समय पर पहचानना। डॉक्टरों का कहना है कि जितनी जल्दी लक्षण पकड़े जाएं, उतना ही इलाज आसान और असरदार होता है। एक वायरल इंस्टाग्राम वीडियो में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सलहाब ने बताया कि अगर 30 की उम्र के आसपास ये चार लक्षण लगातार दिखें तो इन्हें बिल्कुल नजरअंदाज न करें।
हमेशा रहने वाली थकान
डॉक्टर बताते हैं कि कोलन कैंसर धीरे-धीरे शरीर में रक्त की कमी (एनीमिया) पैदा कर सकता है। इससे—
बेहद कमजोरी
आलस
ज्यादा नींद आने जैसी समस्याएं
शुरू हो जाती हैं। रिसर्च में भी यह माना गया है कि कैंसर से जुड़ी थकान का एक बड़ा कारण एनीमिया होता है।
रात में तेज पसीना आना
कैंसर सेल्स ऐसे इंफ्लेमेटरी प्रोटीन पैदा करते हैं जो शरीर में हल्का बुखार और नाइट स्वेट्स का कारण बनते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैंसर से जुड़े रात के पसीने आम पसीने से अलग होते हैं—
वे अचानक, तेज और असामान्य होते हैं।
पैटर्न बदलना बॉवेल हैबिट में बदलाव
अचानक कब्ज होना, दस्त बढ़ जाना, पेट दर्द या टॉयलेट जाने के पैटर्न में बड़े बदलाव—ये सभी संकेत हो सकते हैं कि आंत में कोई ब्लॉकेज बन रहा है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव कोलोरेक्टल कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
स्टूल में खून—सबसे अहम चेतावनी
जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक मल में खून आना, कोलन या रेक्टम में ब्लीडिंग का क्लासिक संकेत है।
अगर मल में खून
बार-बार दिखे
या लगातार बना रहे
तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।







